फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री ने मंगलवार को अपना दावा किया की उनके द्वारा निर्देशित फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ उन संदिग्ध बातों को उजागर करेगी जिन्होंने राजनीतिक एजेंडा के तहत COVID-19 महामारी के दौरान स्वदेशी टीका के विकास को बाधित करने की कोशिश की। निर्देशक के अनुसार, यह फिल्म भारत की “पहली जैव-विज्ञान पर आधारित फिल्म है। कोविड १९ के खिलाफ लड़ाई में भारतीय वैज्ञानिकों की भारत के लिए एक किफायती टीका विकसित करके दुनिया के सामने रखने की सच्ची कहानी है , उन्होंने आगे कहा।
‘द वैक्सीन वॉर’ कुछ राजनेताओं के साथ-साथ प्रमुख पत्रकारों का नाम लेने से नहीं कतराता जिन्होंने भी विदेशी टीके का प्रचार किया, अग्निहोत्री ने कहा –
“उस समय, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था कि कुछ लोग भारत और हमारे जीवन को बेच रहे थे। कुछ लोग थे जो विदेशी टीकों को बढ़ावा देने के लिए पैसा मिल रहा था और वे थे अपनी राजनीति एजेंडा के लिए भारतीय वैक्सीन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। जो नाम लिए गए हैं वे ‘सामान्य संदिग्ध’ हैं, वे हमेशा किसी भी ऐसी चीज़ के ख़िलाफ़ खड़ा होते हैं जो के देश हित में हो। तो, जाहिर है, अगर हम ‘द वैक्सीन वॉर’ नामक एक फिल्म बना रहे हैं जिसमे भारत के दुश्मन होंगे बेनकाब”
निर्देशक ने यहां फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि –
“महामारी के दौरान स्थिति युद्ध जैसी थी। हम अक्सर सोचते हैं कि देश के सैनिक ही वो होते हैं जिनका काम बंदूक उठाओ और सीमा पर लड़ो है , लेकिन इस स्थिति में, यहाँ बहुत सारे लोग थे जैसे कि COVID-फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, अधिकारी गण, विशेष विमान उड़ाने वाले, इत्यादि बेशक, वैज्ञानिक, जो हमारे जीवन और राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे “
फ़िल्म में नाना पाटेकर, सप्तमी गौड़ा, पल्लवी जोशी, राइमा सेन और अनुपम खेर अहम भूमिका में हैं।
अग्निहोत्री को ‘द कश्मीर फाइल्स’, ‘द ताशकंद फाइल्स’ और ‘हेट स्टोरी’ ‘ के निर्देशन के लिए जाना जाता है, बताया जा रहा है कि यह फिल्म भारतीय चिकित्सा परिषद के पूर्व महानिदेशक अनुसंधान (आईसीएमआर) बलराम भार्गव की किताब ‘गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सिन’ ‘पर आधारित है।