कलाकार : तब्बू, नसीरुद्दीन शाह, अर्जुन कपूर, कुमुद मिश्रा, कोंकणा सेन शर्मा, राधिका मदान, अनुराग कश्यप
निर्देशक :आसमान भारद्वाज
रेटिंग: 4.0/5
‘कुत्ते’ अपने शीर्षक को सही ठहराता है। डायरेक्टोरियल डेब्यू करने जा रहे आसमान और उनके सह-लेखक और फिल्म निर्माता पिता विशाल भारद्वाज, हमें एक लगातार ट्विस्टेड थ्रिलर देते हैं, जो दर्शकों को भ्रमित करने और दर्शकों को उलझाने का काम करते है । यह रोमांचकारी और मनोरंजक है।
तीन विचित्र शीर्षक वाले अध्यायों में विभाजित, नवोदित निर्देशक आसमान भारद्वाज की ‘कुत्ते’ धमाकेदार शुरुआत करती है और अपनी पटकथा को दिलचस्प गहरे, तेज और आत्म-केंद्रित पात्रों के साथ शक्ति प्रदान करती रहती है। इनमें बेशर्म पुलिस अधिकारी, नशा तस्कर और यहां तक कि नक्सली भी हैं। हर एक का एक गुप्त मकसद होता है और उनका नियम सरल होता है – पहले गोली मारो, सवाल बाद में पूछो।
भ्रष्ट पुलिस वालों का एक गिरोह शहर भर के एटीएम में फिर से भरने के लिए करोड़ों की नकदी ले जा रही एक वैन को लूटने की योजना तैयार करता है। लेकिन जैसे-जैसे अधिक बदमाश पार्टी में शामिल होते हैं, तो सभी के बिच खूनी खेल शुरू हो जाता है। एक हड्डी को पाने के लिए ये कुत्ते किस हद तक जा सकते हैं, कहानी का सार वही है. कौन यहां सही है और कौन गलत? अंत में किसकी जीत होती है? इसे जान ने के लिए आपको थिएटर जाना होगा